➤ कुल्लू के उपली डढ़ेई गांव में भीषण आग, देवता अठारह पेड़े का प्राचीन भंडार और सराय जलकर राख
➤ दो रिहायशी मकान भी जले, ग्रामीण मंदिर-संबंधित धार्मिक वस्तुएं बचा नहीं सके
➤ दमकल की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू, प्रारंभिक नुकसान 1 करोड़ से अधिक
कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी स्थित उपली डढ़ेई गांव में बीती रात एक भीषण अग्निकांड हुआ, जिसमें देवता अठारह पेड़े का प्राचीन भंडार, एक मंदिर सराय और दो रिहायशी मकान पूरी तरह जलकर राख हो गए।

ग्रामीणों का कहना है कि यह भंडार सदियों से आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है, जिसमें देवता से संबंधित महत्वपूर्ण धार्मिक वस्तुएं सुरक्षित रखी जाती थीं।

आग आधी रात में भड़की, जिससे लोग कुछ भी सामान बाहर नहीं निकाल पाए। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकल कर्मियों ने तीन से चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक पूरा ढांचा राख हो चुका था।

घटना के बाद भी सुबह तक धुंआ और लपटें उठती रहीं। स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 1 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।



